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बुधवार, 7 जनवरी 2015

meri gudiya मेरी गुड़िया



गुलाबी सी रंगत लिए 

जब वो आई आँखों में 
ख़ुशी का सागर उमड़ने लगा .....
ममता को और भी 
करीब से जाना .....
जब खुद माँ बनी
और माँ की ममता 
को पहचाना ......
हर वक्त हर बात पर
दिल घबरा जाता था ....
जब भी रोती मेरी गुड़िया 
दिल मेरा सहम जाता था ....
चहरे पर उसके
हरपल मुस्कान आये ....
कभी कोई तकलीफ 
न उसे सताए ....
गुड़िया मेरी बड़ी हो जाये
पढ़े - लिखे खूब नाम कमाएँ ....
हर पल दिल से बस
यही दुआ निकलती है ......
खुश रहे मेरी गुड़ियाँ
हर माँ की तो बस
यही चाह रहती है.....







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