फ़ॉलोअर

बुधवार, 26 मार्च 2014

Shabd-rekha-chitra शब्द - रेखा - चित्र


ओ मेरे कलाकार सुन लो इस 
कविता कि पुकार....
मै जो कहूँ शब्द - शब्द 
तुम खींचते जाना रेखाएँ .....
मै जो कहूँ बगिया हो सुन्दर
तुम बनाना पुष्प , वृक्ष और लताएँ .....
मै जो कहूँ हमारा घर हो प्यारा
तुम रंगना उसे ऐसा जो लगे एकदम सा न्यारा .....
मै जो कहूँ दो प्रेमी का जोड़ा
तुम बनाना कुछ ऐसा जिसमे अश्क हो हमारा थोड़ा- थोड़ा ....
मै जो कहूँ आजीवन हम रहेंगे साथ
तुम बनाना मजबूती से पकड़े हुए दो हाथ...
मै जो कहूँ मेरा पूरा कर दो संसार
तुम बनाना एक खिलखिलाती नन्हीं मुस्कान ....
ओ मेरे कलाकार सुन ली जो तुमने इस कविता कि पुकार
जीवन सफल हुआ है मेरा ....
ना ही कोई छल कपट
ना ही है इसमें कोई धोखा
कला - कविता का ये संगम अनोखा...
ओ मेरे कलाकार 
तुम ही हो मेरा जीवन
तुम ही हो मेरा सम्पूर्ण संसार.....

ये मेरा प्रेम अहसास है...
इसलिए जरा खास है...







hindi prem geet,hindi prem kavita,hindi prem kahaniya,hindi love poem,hindi love story,hindi love quotes,hindi love shayari,hindi poetry on girls,hindi poetry for girls,hindi poetry for mother,haiku,hindi short story,nature hindi poem,hindi prem kahaniya.

रविवार, 16 मार्च 2014

holi होली हाइकु


बहार लाए
रंगों कि बरसात 
फागुन आए

फागुन आए 
सजनवा छबीला
रंग लगाए

रंग लगाए 
कि मोहे तड़पाए
बहियाँ मोड़े

बहियाँ मोड़े
चुटिया मोरी खींचे
मोहे सताए

मोहे सताए 
मुँहवां बीचकाए
रंग लगाए

रंग लगाए 
मनवा खिल जाए
फागुन आए.....



गुरुवार, 6 मार्च 2014

mata- pita माता- पिता

हाइकू 


नौ महीने से 
सींचा कोख मे माँ ने 
राजकुमारी


हाथ थामती
हर संकट , दुःख 
हर लेती माँ


त्याग कि देवी
ममता कि छाँव माँ
प्रेम लुटाती


बरगद सा
उंगलियाँ थामे वो
पिता है खड़ा 

कठोर बन 
देता हिम्मत पिता
मार्ग दिखाता 

माता कि डांट
पिता कि फटकार 
जीना सफल


कंधा पापा का
बैठकर घूमती 
देखती जग


उंगली थामे 
चलना सिखा मैंने
माता - पिता से 

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...