फ़ॉलोअर

बुधवार, 24 जुलाई 2013

Luka Chhupi लूका छुपी


तेज रिमझिम फुहार का आना
बिजली का कड़कडाना
अँधेरी रात में हवाओं का बहना
खिड़की बंद करने में मैं उलझी रहती 
धीरे से तुम्हारा कानों में आकर फूंक जाना..
फिर झट से कहीं जाकर छूप जाना...
आह | वो लूका छुपी का खेल कीतना सुहाना....

तुम्हें यहाँ - वहाँ ढूंढ़कर परेशान हो जाना
बत्तियाँ जलाना......
तुम्हारा बार- बार आकर बत्तियाँ बुझा जाना...
फिर कहीं से चुपके से आकर..
मेरे कंधे पर हाथ रखकर 
फिर झट से कहीं छूप जाना 
आह|  वो लूका छुपी का खेल कीतना सुहाना....

मेरा नाराज होना , तुमसे रूठ जाना...
तुम्हारा बातें बनाना , मुझे मनाना
कभी मेरे पसंद का फूल देना....
कभी मेरी पसंद की रसमलाई लाना...
कभी मेरी पसंद के गीत गुनगुनना 
तरह - तरह के पैंतरे अपनाना 
मुझे मनाना ...
आह| | वो लूका छुपी का खेल कीतना सुहाना....

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...