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शनिवार, 19 जनवरी 2013

Kasur कसूर



जाओ चले जाओ
अपने सारे ख्वाब भी ले जाओ
वो झूठे वादे भी ले जाओ ......
वो झूठी कस्मे भी ले जाओ
वो तुम्हारा रूठना भी ले जाओ
पर मेरा मनाना मुझे दे जाओ ........
वो प्यारे ख़त जला दो अभी इसी वक्त
पर मेरी यादें , मेरी बाते मुझे लौटा दो
बस चले जाओ दे दो आजादी  .......
इस झूठे प्रेम से इस छल से 
बस इतना बताते जाओ 
की, मेरा कसूर क्या था.....
बीना कसूर जा रहे हो
तो एक सजा भी लेते जाओ .......
मेरी दुआएँ
फिर लौट कर आने की.....

रिश्तों को यूँ ही नहीं बिखरने दूंगी
आज तुम्हारी जिद है तो जाओ .....
एक संकल्प मेरा भी है .....
तुम्हें फिर ले आउंगी ....

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