फ़ॉलोअर

शुक्रवार, 27 दिसंबर 2013

wakt वक्त


काश इस वक्त को भी
हमसे प्यार हो जाए
जब आप दूर रहो
तो ये वक्त तेजी से गुजरता जाए
और जब आप पास आओ तो
ये वक्त चुपके से ठहर जाए
काश इस वक्त को भी हमारे
 प्यार  पर प्यार आ जाए

घड़ी के तीनों काँटों कि 
आवाज को महसूस किया है
हर लम्हें में तुम्हें याद किया है
वक्त कि हर आहट याद तुम्हारी 
दे जाती है 
कभी तुमसे मीलने कि खुशी

कभी बिछड़ने का गम साथ ले आती है  


कुछ ख्वाहिशे वक्त कि मोहताज होती है
शायद वो ख्वाहिशे पूरी भी हो जाये कभी..
पर वो बिता हुआ वक्त फिर लौट कर नहीं आ सकता..
जिस वक्त में इन ख्वाहिशो को पूरा होना था..
अजीब दास्ताँ है ये..


21 टिप्‍पणियां:

  1. रीना जी...
    काफी उम्दा रचना....बधाई...॥
    नयी रचना
    "ज़िंदगी का नज़रिया"
    - आभार

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शनिवार (28-12-13) को "जिन पे असर नहीं होता" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1475 में "मयंक का कोना" पर भी है!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
  3. काश कि ऐसा ही हो जाए... बहुत सुन्दर रचना … नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  4. sach ka reena ....sundar rachna...bhgwan tumhari har khwaish puri kare

    जवाब देंहटाएं
  5. सही है की वक़्त लौट के नहीं आता .. पर आने वाले समय को भी खुशनुमा बनाया जा सकता है ... प्यार जिन्दा रहना चाहिए ..
    नव वर्ष की मंगल कामनाएं ...

    जवाब देंहटाएं
  6. सार्थक प्रस्तुति..नववर्ष की अग्रिम बधाई।।।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही सुन्दर कविता |नववर्ष की शुभकामनाएँ |

    जवाब देंहटाएं
  8. सुन्दर कविता ,नव वर्ष की मंगल कामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  9. काश! वक्त को भी ज़रा सा दिल मिल जाए... बहुत खूब.

    जवाब देंहटाएं

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...