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बुधवार, 6 फ़रवरी 2013

Kirache Teri Yaodon Ke किरचे तेरी यादो के.....



किरचे तेरी यादो के संभाले थे अब भी 
दो को जोड़ दिया है 
एक अभी जोड़ रहा हूँ .....
कुछ बाकि पड़े है अभी.....

किरचे तेरे ख्वाबों के जो सजाये थे तूने कभी 
अपनी हँसती आँखों में
तीन ही तो थे ........
एक तुम अपने साथ ले गई 
आजीवन साथ - साथ रहने के .......
एक क्या था कभी बताया भी तो नहीं.........
जब भी पूछता हूँ तो टाल दिया करती थी...
एक देखो मैंने पूरा करके सजा दिया है..........

किरचे हमारे अरमानों के जो शीशे से भी नाजुक थे
तुम्हारे जाते ही कुछ टूट गए थे.....
कुछ संभाल लिए थे वक्त रहते ही......
उन्हें भी तो ठीक करना है...
उनमे तुम जो बसी हो...
उन्हें कैसे टूटने दे सकता हूँ .........

तुम्हारे ख्वाब, तुम्हारे सपनों को मैं जरुर पूरा करूँगा
तुम्हे फिर ले आऊँगा हमारी ख्वाबों की हंसती दुनिया में..

कुछ यादें जिन्हें अभी जुड़ना बाकी है
सोच रहा हूँ उन्हें तुम्हारे साथ पूरा करूँ...

बोलो दोगी न तुम मेरा साथ ?????

 




38 टिप्‍पणियां:

  1. धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने आपकी पोस्ट " किरचे तेरी यादो के..... " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:

    बहुत उम्दा अभिव्यक्ति,,,,

    मुझे तो तरी जुल्फों का महकना याद आता है,
    तुझे भी मेरे अश्कों की रवानी याद आती है,,,,(शकील बदायूनी)

    RECENT POST बदनसीबी,

    जवाब देंहटाएं
  2. ये भी एक कशमकश है..... सुंदर पंक्तियाँ

    जवाब देंहटाएं
  3. kuchh kirchen itani khoobsurati se sanjoye hai aapne..sundar rachna

    जवाब देंहटाएं
  4. कुछ यादें जिन्हें अभी जुड़ना बाकी है
    सोच रहा हूँ उन्हें तुम्हारे साथ पूरा करूँ...

    बोलो दोगी न तुम मेरा साथ

    पुरुष के भावों को व्यक्त करने में सक्षम . बहुत खुबसूरत भावों की अभिव्यक्ति .....

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही सुन्दर,भावपूर्ण प्रस्तुती।

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह ... बेहतरीन
    बहुत ही अच्‍छा लिखा है

    जवाब देंहटाएं
  7. उम्दा प्रस्तुति |भावपूर्ण अभिव्यक्ति |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  8. खूबसूरत अभिव्यक्ति ......... तुम्हारे ख्वाब, तुम्हारे सपनों को मैं जरुर पूरा करूँगा
    तुम्हे फिर ले आऊँगा हमारी ख्वाबों की हंसती दुनिया में..

    जवाब देंहटाएं
  9. कि‍तना प्‍यारा सवाल है......बोलो दोगी न तुम मेरा साथ ?????

    जवाब देंहटाएं
  10. ख्वाबों की किरचें भी सम्हालिये, जोडिये या इनका एक खूबसूरत केलिडियो स्कोप बनाइये फिर तो वे खिंचे चले आयेंगे ।

    जवाब देंहटाएं
  11. किरचे हमारे अरमानों के जो शीशे से भी नाजुक थे...

    बढ़िया अभिव्यक्ति...

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  12. बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति ...
    वैसे तो टुकड़े किये हैं हजार बार उसने दिल के ,
    हर बार बड़े जतन से हमने उन्हें जोड़ा है .
    जोड़ना चाहें भी तो अब न जुड़ेगा फिर से ,
    अबकि किरच-किरच कर उसने दिल छोड़ा है .

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  13. किरचे हमारे अरमानों के जो शीशे से भी नाजुक थे
    तुम्हारे जाते ही कुछ टूट गए थे.....
    कुछ संभाल लिए थे वक्त रहते ही......
    उन्हें भी तो ठीक करना है...
    उनमे तुम जो बसी हो...
    उन्हें कैसे टूटने दे सकता हूँ ...

    इन किरचों को दामन में समेट लेना ... दर्द की याद दिलाती हैं ये ...
    विरह का टच लिए प्रेम भरी रचना ...

    जवाब देंहटाएं


  14. कुछ यादें जिन्हें अभी जुड़ना बाकी है
    सोच रहा हूँ उन्हें तुम्हारे साथ पूरा करूँ...

    बोलो दोगी न तुम मेरा साथ ?????

    मन को छूती हुई रचना के लिए आभार
    आदरणीया रीना मौर्य जी !



    बसंत पंचमी एवं
    आने वाले सभी उत्सवों-मंगलदिवसों के लिए
    हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
    राजेन्द्र स्वर्णकार

    जवाब देंहटाएं
  15. तुम्हारे ख्वाब, तुम्हारे सपनों को मैं जरुर पूरा करूँगा
    तुम्हे फिर ले आऊँगा हमारी ख्वाबों की हंसती दुनिया में..
    कुछ यादें जिन्हें अभी जुड़ना बाकी है
    सोच रहा हूँ उन्हें तुम्हारे साथ पूरा करूँ...
    बोलो दोगी न तुम मेरा साथ ??
    सुन्दर प्रस्तुति . बहुत ही अच्छा लिखा आपने .

    जवाब देंहटाएं
  16. सुंदर! सपनों को पूरा करने में साथ ज़रूर दीजिएगा...
    ~सादर!!

    जवाब देंहटाएं
  17. रीना जी आपके लेखन की तारीफ के लिए शब्द ही नहीं मिलते....बेहद खूबसूरत रचना
    .........बसंत पंचमी की शुभकामनाएँ !!!

    जवाब देंहटाएं
  18. मन को छू गई रचना, भावुक कविता, बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  19. कुछ यादें जिन्हें अभी जुड़ना बाकी है
    सोच रहा हूँ उन्हें तुम्हारे साथ पूरा करूँ...
    बहुत खूब, सुन्दर ....

    जवाब देंहटाएं

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