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बुधवार, 11 जुलाई 2012

Barsat Ke Rang Dekho Mere Sang बरसात के रंग देखो मेरे संग ..


आजा बरखा तेरी
राह तकू मैं कब से
झुमने को, नाचने को, गाने को
मन तरस रहा है कब से.....


सुनी जो पुकार है तुने
मन आभारी है तेरा बदरीया
भीगी - भीगी, रिमझिम - रिमझिम  फुहार में
पिया संग नाचे ये बांवरिया ....


सावन के झूले डाल दिए है
हिचकोले खाने लगा है मन
हवा संग बहने को,
प्रेम संग बहकने को,
बजने लगा है मन - तरंग ....


तेरी मेरी बातें 
वो मीठी यादे
कहाँ ले आई है कहाँ ले जाएँगी
ये प्यार की प्यारी मुलाकाते....


बरसात वो भीगी सी रात
तेरा मेरा मिलना 
फूलों सा खिलना

 
रिमझिम फुहार 
चूड़ियों की झंकार 
भीगा उनका मन
लाज से झुक गये
मेरे दो नयन ...... 


सावनी फुहार 
हिना की खुशबू 
महक उठा है मन
महक उठा है घर - आँगन 
इंतजार है अब 
कब खिलेगा मेरी 
हथेली पर रंग....


हरी - भरी है धरती सारी
डाल - डाल भर गए पात - पात से 
चारो ओर हरीतिमा छा गई
बरसे बदरीया
खुशियाँ आ गई ....



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