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गुरुवार, 23 फ़रवरी 2012

Chhanikayen क्षणिकाएं



गुलाब पाने की चाहत में 
आँख बंद कर चल दिए 
और न जाने कितने काँटों से चोट खायी ..
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जब जाना ही था 
तो क्यों आए थे मेरी जिंदगी में 
माना की तनहा थे हम पर 
खुश थे , क्यों जगाये थे वो प्यार के अहसास,
क्यों दिलाया वो अहसास की मै भी करती हूँ तुमसे प्यार ..
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नजदीकिया इतनी न बढाओ 
की हर बात अब शिकायत सी लगे ..
-.-.-.-.*********-.-.-.-.-.

कभी सोचा ना था की यू  खो जाएगी जिंदगी 
किसी के इंतजार में , कभी सोचा न था की यू
 बदल जाएगी जिंदगी किसी के प्यार में ...
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तुमसे मिलने के बाद ये अहसास आया 
कितने अकेले थे हम ये ख्याल आया 
अब जिंदगी तेरे साये में यू ही बीत जाये
 बरसो की तन्हाई का अब अंत हो जाए ....
-.-.-.-.-.***********-.-.-.-.-.-.

जिंदगी में उसकी तलाश आखिर कब तक 
जो नहीं मिल सकता उसका इंतजार आखिर कब तक ....
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चली जाती  हूँ  ये शिकायत है उन्हें 
पर ये नहीं सोचते की ,आ भी तो जाती हूँ 
सिर्फ एक बार बुलाने पर ,तो शिकायत किस बात की...
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सोमवार, 13 फ़रवरी 2012

Aa Gaya Pyar Ka Mausam आ गया प्यार का मौसम



तुमसे मिलने को जी चाहता है 
दिल से दिल मिलाने को जी चाहता है 
देखो आ गया प्यार का मौसम सनम 
इस मौसम में तुम्हारे संग 
रहने को जी चाहता है 

हवाओ के संग झूमने को जी चाहता है
फूल की तरह खिलने को जी चाहता है 
खुशबू बन महकने को जी चाहता है 
देखो आ गया प्यार का मौसम सनम 
इस मौसम में तुम्हारे संग 
रहने को जी चाहता है 

होंठ से होंठ मिलाने को जी  चाहता है
होंठो की लाली चुराने को जी चाहता है
तुझमे टूट जाने को जी चाहता है
करो न तुम भी याद इस ज़माने में किसी को
तुझे इस तरह चाहू जी चाहता है
देखो आ गया प्यार का मौसम सनम 
इस मौसम में तुम्हारे संग 
रहने को जी चाहता है 


फरवरी की ठण्ड और उसपर प्यार का मौसम सनम 
आज मदहोश हो जाऊ जी चाहता है 
जलता दिया बुझाऊ जी चाहता है
बुझता दिया जलाऊ जी चाहता है 
तेरी जुल्फों में उलझ जाऊ जी चाहता है
तुझे खुद में उलझाऊ जी चाहता है 
देखो आ गया प्यार का मौसम सनम 
इस मौसम में तुम्हारे संग 
रहने को जी चाहता है 






                          


शनिवार, 4 फ़रवरी 2012

Dulhan Ban Mai Hu Taiyyar Le Aao Sajan Ab Tum Barat दुल्हन बन मै हूँ तैयार ले आओ साजन अब तुम बारात


लाल चुनर मंगवा ली है 
अरमानो के चाँद -सितारों से सजा दी है 
देखो ये माथे की बिंदिया दमके 
बालों में सजा गजरा महके 
दुल्हन बन मै हूँ तैयार 
ले आओ साजन अब तुम बारात 

हरी चूड़िया पहन मै आई 
मेहंदी से तेरा नाम भी रचवाई
चाँदी की पायल बनवाई 
इसे पहन तुम्हारे संग 
फेरों की मै आस लगाए 
दुल्हन बन मै हूँ तैयार 
ले आओ साजन अब तुम बारात 

आँखों का कजरा शरमाए 
होंठो की लाली मुस्काए 
ख़ुशबू से तन महका जाए
तेरे प्रेम को मन तरसा जाए 

ये सोलह शृंगार कहीं उतर ना जाए 
देखो अब कराओ ना इंतजार 
दुल्हन बन मै हूँ तैयार 
ले आओ साजन अब तुम बारात 


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