कब आएगा वो सुरज
जो जीवन में उजाला लाए
कब आएगा वो दिन
जो मेरे हर पल को चमकाये
कब आएगी वो संध्या
जो मन शीतल कर जाए
कब आएगी वो तारो से सजी रात
जो मेरे जीवन को भी सजाये
कब आएगी वो घडी
जो जीवन में रफ्तार लाए
कब आएगी वो सडक
जो मुझे मंजिल तक पहूचाये
इंतजार है मुझे हर उस मौके का
इंतजार है मुझे हर उस लम्हे का
इंतजार है मुझे उस हर एक पल का
मेरे हर इंतजार में एक विश्वास है
उस विश्वास पर मुझे ऐतबार है
ऐतबार -ए-शमा कि लौ यु हि जलाउंगी
मंजिल को पाने का अथक प्रयास करती जाऊंगी