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शुक्रवार, 23 सितंबर 2011

Hamane Kaha Jo Bhi Tumsae हमने कहा जो भी तुमसे




हमने कहा जो भी तुमसे आज तक अभी 
तुमने हमारी उन बातो का गिला किया 
जो भी सोचा तुमने कहा कुछ नही कभी 
क्या हमारे जजबातो का तुमने सिला दिया 

मंगलवार, 20 सितंबर 2011

Duriyan दूरिया



कहते है दूरिया रिश्तो को गहरा कर देती ही 
पर यही दूरिया हि तो है जो हमारे अपनो को 
गैरो से मिला देती है
वक़्त जब अपनो का साथ चाहता है
तो इन दुरियो से गैरो मे भी अपनो का अहसास आता है 
इन दुरियो को खुद से दूर हि रखना 
वरना हमारा अपना भी हमसे दूर हो जाता है  

so always be in touch

सोमवार, 19 सितंबर 2011

Yaden यादे


किताबे हाथ मे लेकर याद तुम्हे करती हु 
मासूम से दिल को जलाती रहती हु 
दिल मे तुम्हारी याद कुझ इस तरह जम सी गयी है
जैसे आत्मा और शरीर का एक रिश्ता है 
जैसे बिजली का बादल से एक नाता हैं
जैसे आंखो का आंसू कैसे देखो एक दुजे मे समाया है 
कैसे तुम्हारी याद को दिल से जुदा करू 
या शरीर को ही आत्मा से रुसवा करू 
तुम्ही बता दो यादो से पिझा झुडाने का राज 
या हमे बुला लो अपने पास
पास ना बुला सको तो 
दे दो ऐसी दुआ 
कि इस दुनिया से हो जाऊ मै रुशवा
तनहा अकेले ये यादो के मेले 
कैसे कोई इतनी तकलीफो को झेले 
दोस्ती ओर साथी के दायरे अब टुटने लगे है 
ये जिंदगी अब गम के फसाने मे डूबने लगे है 
जी ना सकेंगे हम आसुओ को बहाकर 
यादो के महल मे तुम्हारी यादे सजाकर
ये यादे ये यादे ....... 

रविवार, 18 सितंबर 2011

Nayi Purani Yadon Ke Sath नयी पुरानी यादो के साथ


कुझ नयी पुरानी यादो के साथ 
चलती जा रही हु 
कुझ जाने अन्जानो के साथ
 मिलती जा रही हु 
कुझ नये अह्सासो मे
घुलती जा रही हु 
 कुझ नयी कल्पना मे
 उलझती जा रही हु 
कुझ नये स्वप्नलोक मे
 डूबती जा रही हु 
चंद शब्दो मे कहू तो 
मैं खुश्नुमा अह्सासो कि फिजाओ मे  
स्वतंत्र पन्झी कि तरह उडती जा रही हु 
बस  उडती जा रही हु .......

Man Ki Baaten मन की बाते

        



  ( अपने मन की बाते प्रस्तुत करते हुए )

एक दिन अकेले में मुलाक़ात किजीयें 
हमारे - तुम्हारे मन की थोड़ी बात कीजिये 
सुखी पड़ी है दिल की जमीं मुद्दतो से 
यार बनकर घटाए प्यार की 
बरसात कीजिये 
हिले ना लब कह डाले बाते सारी
आँखों में आँखे डालकर हर बात कीजिये 


  (  प्रस्तुत बातों का जवाब देते हुए )

हसरत हमारी भी कुछ ऐसी है 
ऐतबार कीजिये 
दो पल की जिंदगी है बस प्यार कीजिये 
खामोश निगाहों से इकरार कीजिये 
हसरत - ए - मोहब्बत को बेकरार कीजिये 

शनिवार, 17 सितंबर 2011

Tum तुम

१) मुझे देखकर मुस्कुराती हो 
    मुझे देखकर नजरे चुराती हो 
   क्या बात है जो तुम मुझे नहीं बताती हो 
  कैसे अपने दिल का हाल अकेले ही सह पाती हो 
  मै होता तो कह देता 
 जो तुम मुझसे छुपाती हो 


२) आज कल तुम मुझसे नाराज दिखती हो 
चेहरे से थोडा उदास दिखती हो 
अपने दिल की बात मुझे बताती नहीं 
क्या तुम अभी भी मुझे गैर समझती हो 

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