मुझे माफ़ करना
कविता लिखने तो बैठी थी
पर कुछ याद नहीं आया
कोई शब्द नहीं मिला
कुछ जज्बात भी नहीं आया
मुझे माफ़ करना
आज उदास है मेरा मन
कुछ शब्दों की कमी
और झिलमिलाते ये मेरे नयन
मुझे माफ़ करना
आज कुछ कह नहीं पाऊँगी
समझ सकते हो तो
पड़ लो मेरी ख़ामोशी
क्यूंकि आज मै कुछ लिख नहीं पाऊँगी
मुझे माफ़ करना
आज भावना कुछ बड़ी है
कहने को तो बहुत कुछ कहना है
पर शब्दों की कमी है.