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सोमवार, 28 नवंबर 2011

Usaka Ahsas उसका अहसास



सूरज की पहली किरण के साथ जब उसका चेहरा दिख जाये...
मन के गलियारे में रोशनी छा जाये .


भीगी केशुवो को जब वो लहराए ,
उसकी हर बूंद ,,,ओस की बूंद की तरह धरा को भिगाए.


होंठो से बोले तो यू लगे की ,, कोई गुलाब की पंखुड़ी बिखर जाये
सुनी डगर को मेरी फूलो से सजाये


पलकें झुकाए कभी पलकें उठाये
कभी अँधेरा तो कभी सारा जग रोशनी से भर जाये


उसके मुस्कुराने से जग रोशन हो जाये
मुस्कुराती है जब वो तो मेरा रोम रोम खिल जाये


कह दुंगा अब उससे जो अब तक ना कह पाया
फिर चाहे मना करे या मान जाये...
चाहे हसे या मुस्कुराये ....









53 टिप्‍पणियां:

  1. कह दुंगा अब उससे जो अब तक ना कह पाया
    फिर चाहे मना करे या मान जाये...
    चाहे हसे या मुस्कुराये ....

    waah..man kii baat...shabdo ka sath bahut khub

    जवाब देंहटाएं
  2. कह दुंगा अब उससे जो अब तक ना कह पाया
    फिर चाहे मना करे या मान जाये...
    चाहे हसे या मुस्कुराये ....
    bahut badhiyaa

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत रोचक और सुंदर प्रस्तुति.। मेरे नए पोस्ट पर (हरिवंश राय बच्चन) आपका स्वागत है । धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  4. प्यार में इकरार कर लेना ही बेहतर होता है. चाहे उसका अंजाम जो हो.

    खूबसूरत ख्याल.

    जवाब देंहटाएं
  5. कह दुंगा अब उससे जो अब तक ना कह पाया
    फिर चाहे मना करे या मान जाये...
    चाहे हसे या मुस्कुराये ....

    behad achchhi shabd rachna....

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर कविता रीना जी |ब्लॉग पर आपके आगमन के लिए आभार |

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन शब्दों का उम्दा संयोजन... वाह..
    ख़ूबसूरत रचना .....रीना जी

    जवाब देंहटाएं
  8. सुन्दर अभिव्यक्ति! सुन्दर अहसास !

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत ही सुन्दर रचना अभिवयक्ति....

    जवाब देंहटाएं
  10. ख्यालों में एक खूबसूरत अहसास सजाती सुन्दर रचना |

    जवाब देंहटाएं
  11. कह दुंगा अब उससे जो अब तक ना कह पाया
    फिर चाहे मना करे या मान जाये...
    चाहे हसे या मुस्कुराये ....

    सुन्दर रचना....
    सादर बधाई...

    जवाब देंहटाएं
  12. बेहतरीन रचना और उतने ही खूबसूरत ख्‍यालात।

    जवाब देंहटाएं
  13. आप सभी का बहुत - बहुत धन्यवाद ...
    संस्कार कविता संग्रह में आपका स्वागत है..
    अपना साथ एवं आशीर्वाद बनाए रखिये ..

    जवाब देंहटाएं
  14. रीना जी आपकी पोस्ट मुझे बहुत पसंद आई.....रूमानी जज्बातों को समेटे हैं अल्फाज़.......पर मुझे लगा की इसमें काफी सुन्धर की गुंजाईश है.....मैंने कुछ कोशिश की है.......कृपया आप अन्यथा न ले और बताये की आपको मेरी कोशिश कैसी लगी?

    सूरज की पहली किरन में जब चेहरा उसका दिखे
    तो जैसे मन के गलियारे में रोशनी छा जाये,

    भीगी हुई जुल्फों को वो जब लहराए ,
    हर बूंद जैसे जमीन को भिगो जाये,

    बोले तो यूँ लगे जैसे गुलाब की पंखुड़ियाँ बिखर जाये
    मेरे जीवन की सूनी डगर को वो फूलो से सजाये,

    जब वो पलकें झुकाए और पलकें उठाये
    कभी अँधेरा तो कभी सारा जग रोशनी से भर जाये

    उसके मुस्कुराने से ही जग रोशन हो जाये
    मेरा तो जैसे रोम रोम खिल जाये

    कह दूँगा अब उससे हाले दिल अपना जो अब तक ना कह पाया
    फिर चाहे वो रूठे या मान जाये, चाहे हँसे या मुस्कुराये

    जवाब देंहटाएं
  15. आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूँ...अच्छा लगा ब्लॉग का कलेवर, साज सज्जा और अहसासों को समाये आपकी कवितायेँ....फिर आता रहूँ इसलिए आपके ब्लॉग का अभी से अनुसरण कर रहा हूँ...

    सुन्दर कविता...

    दीपक शुक्ल

    जवाब देंहटाएं
  16. उसके मुस्कुराने से जग रोशन हो जाये
    मुस्कुराती है जब वो तो मेरा रोम रोम खिल जाये
    bahut khubsurat rachana

    जवाब देंहटाएं
  17. रीना जी,..
    खूबसूरत ख्यालों से सजी बहुत प्यारी रचना,...सुंदर पोस्ट..
    मेरी नई पोस्ट "प्रतिस्पर्धा"में इंतजार है...

    जवाब देंहटाएं
  18. कह दुंगा अब उससे जो अब तक ना कह पाया
    फिर चाहे मना करे या मान जाये...
    चाहे हसे या मुस्कुराये ...
    बहुत ही कोमल अहसास युक्त सुन्दर अभिव्यक्ति ..सादर !!!

    जवाब देंहटाएं
  19. आप सभी का बहुत - बहुत धन्यवाद ...
    संस्कार कविता संग्रह में आपका स्वागत है..

    जवाब देंहटाएं
  20. पलकें झुकाए कभी पलकें उठाये
    कभी अँधेरा तो कभी सारा जग रोशनी से भर जाये

    बेमिसाल है सब .....!

    जवाब देंहटाएं
  21. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा शनिवार के चर्चा मंच पर भी की गई है! चर्चा में शामिल होकर चर्चा मंच को समृध्‍द बनाएं....

    जवाब देंहटाएं
  22. अच्छी अभिव्यक्ति, आकर्षित करने में कामयाब ....
    शुभकामनायें स्वीकार करें !

    जवाब देंहटाएं
  23. रीना जी ,प्रेम से भरी इस कविता के लिये शब्द कम पढ़ रहे है .. आपने बहुत सुद्नर अभिव्यक्ति की है ..

    बधाई !!
    आभार
    विजय
    -----------
    कृपया मेरी नयी कविता " कल,आज और कल " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/11/blog-post_30.html

    जवाब देंहटाएं
  24. यशवंत जी नयी पुरानी हलचल पर मेरी पोस्ट को भी शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद..

    अतुल सर चर्चा मंच पर मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ......

    जवाब देंहटाएं
  25. कह दुंगा अब उससे जो अब तक ना कह पाया
    फिर चाहे मना करे या मान जाये...
    चाहे हसे या मुस्कुराये ....

    ...बहत सुंदर अभिव्यक्ति...

    जवाब देंहटाएं
  26. bahut hi gahre aur komal bhavon ke sath likhi gayee bahut hi sunder panktiyan........... sunder prastuti.

    जवाब देंहटाएं
  27. बहुत सुन्दर रीना जी बिलकुल कह देना चाहिए ..सुन्दर रचना
    चाहे वह हँसे या सोचता रह जाए
    खामोश रहे या
    आईने में देख देख
    कुछ बुद बुदाये
    भ्रमर ५

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  28. बहुत सुन्दर रीना जी. ...
    एक अच्छी प्यार भरी कविता.

    जवाब देंहटाएं
  29. बहुत ही उम्दा पंक्तियाँ लिखने के लिए आपको कोटि कोटि सुभकामनाये


    कह दुंगा अब उससे जो अब तक ना कह पाया
    फिर चाहे मना करे या मान जाये...
    चाहे हसे या मुस्कुराये ....


    रीना जी आपका मेरे ब्लॉग पर हार्दिक अभिनन्दन........

    please Join me...

    http://rohitasghorela.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  30. आपका पोस्ट अच्छा लगा .मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

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  31. आपका पोस्ट मन को प्रभावित करने में सार्थक रहा । बहुत अच्छी प्रस्तुति । मेर नए पोस्ट ' आरसी प्रसाद सिंह ' पर आकर मेरा मनोबल बढ़ाएं । धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  32. एक कोमल अहसास को अभिव्यक्त करती रचना।

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  33. वाह! क्या बात है! बहुत अच्छी कविता!

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  34. सुन्दर अभिव्यक्ति के लिये प्रथम बधाई स्वीकृत करें।

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  35. पलकें झुकाए कभी पलकें उठाये
    कभी अँधेरा तो कभी सारा जग रोशनी से भर जाये

    वाह तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है ... बरबस ये गीत याद आ गया ...

    जवाब देंहटाएं
  36. बेहद कोमल अहसास ....प्रेम पगी अति सुन्दर अभिव्यक्ति....
    शुभ कामनायें

    जवाब देंहटाएं
  37. एक कोमल अहसास को अभिव्यक्त करती रचना। धन्यवाद|

    जवाब देंहटाएं
  38. बहुत सुन्दर गीत बधाई और शुभकामनाएं रीना जी

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  39. bahut hi sunder jajwat hai jab aap kisi ke pyar be dube rahata hai to uski har bat achhi lagti hai aur ye bhav hame uski pooja tak karne ke liye majboor kar dete hai

    जवाब देंहटाएं

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